प्रदेश के सरहदी जिलों में नशे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। हेरोइन के नशे से महिलाएं भी नहीं बची हैं। सीमांत इलाकों में नशेड़ियों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं नशा छुड़ाओ सेंटर में नशेड़ियों की ओपीडी भी काफी बढ़ गई है। नशेड़ियों की बढ़ती संख्या को देख सरकार प्रदेश भर में और नए नशा छुड़ाओ सेंटर स्थापित करने जा रही है। इसके अलावा पंजाब सरकार एक नई योजना के तहत सरकारी मुलाजिमों को एक और जिम्मेदारी सौंपने जा रही है। इस स्कीम के तहत प्रत्येक सरकारी मुलाजिम को एक नशेड़ी नौजवान की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
मुलाजिम नशेड़ी नौजवान को जागरूक करने के अलावा उस पर निगरानी रखेगा कि इलाज दौरान वह नशे का सेवन न करे। डॉक्टरों का मानना है कि नशेड़ी व्यक्ति को जागरूक कर उसका नशा छुड़ाया जा सकता है। इस संबंधी नशा छुड़ाओ सेंटर की मनोचिकित्सक डॉ. रचना मित्तल ने बताया कि नशेड़ियों की बढ़ती संख्या को देख सरकार और नशा छुड़ाओ सेंटर खोलने जा रही है। इसके अलावा प्रत्येक सरकारी मुलाजिम को एक नशेड़ी नौजवान की देखरेख करने जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
मुलाजिम नशेड़ी नौजवान को नशे के खिलाफ जागरूक करेगा और उसकी निगरानी करेगा। योजना पंजाब सरकार जल्द शुरू करने जा रही है। इस संबंधी चंडीगढ़ में डॉक्टरों की हुई बैठक में विचार-विमर्श किया गया है।